Posts

Showing posts from 2020

"प्लास्टिक के दुष्प्रभाव"

 प्लास्टिक यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक ज्यों का त्यों पड़ा रहता है अन्य पदार्थों की तरह विघटित नहीं होता है. जब से विज्ञान ने तरक्की की है मानव ने Plastic का निर्माण बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ा दिया है. मानव ने प्लास्टिक का निर्माण अपनी सुविधा के लिए किया था। लेकिन अब यही प्लास्टिक मानव के जीवन के साथ – साथ पृथ्वी के वातावरण के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है. हमारे भारत देश में 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 15000 टन प्लास्टिक अपशिष्ट निकलता है.  जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक हो गया है कि इस प्लास्टिक से पृथ्वी को 5 बार लपेटा जा सकता है. और इस प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है। प्लास्टिक को बनाने के लिए कई जहरीले केमिकल काम में लिए जाते है जिसके कारण यह जहां भी पड़ा रहता है धीरे-धीरे वहां पर बीमारियो और प्रदूषण को जन्म देता है. प्लास्टिक मानव की दिनचर्या में इस तरह से शामिल हो चुका है कि ...

Treatment for legacy waste.

Image
मन मे आया एक विचार, जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचा सकता है, जो आपको आपकी योजना में सफल बना सकता है, उसे तुरन्त अप्लाई कर दिया जाना चाहिए, इसकी प्रेरणा श्री मुकेश जी से लेना चाहिए, जो सोच लेते है वह प्रैक्टिकल रूप से करके दिखाने का मादा रखते हैं। जब इनसे इनकी वर्कशॉप में मुलाकात हुई तो, इन्होंने अपनी वर्कशॉप में कुछ मशीनों में मॉडिफिकेशन कर उपयुक्त उपकरणों को दिखाया तो जब इनसे सॉलिड वेस्ट बारे चर्चा चली तो उसके सम्बन्ध में भी, सकारत्मक जवाब दिया कि इसका भी जुगाड़ बन जायेगा, फिर किसी रोज जब इनसे मुलाकात हुई तो इन्होंने थ्रैशर मशीन को दिखाते हुवे कहा कि इस मशीन को मॉडिफाई कर सॉलिड वेस्ट/लिगेसी वेस्ट का निराकरण कर दिया जायेगा, फिर ये अपनी टीम के साथ जुट गए, एक मशीन को मॉडिफाई करने एवं लिगेसी वेस्ट को प्रोसेस करने वाली मशीन के निर्माण में आज इनकी वर्कशॉप में इसी उपकरण को लेकर काम जारी है, 1-2 दिन में मशीन बनकर तैयार हो जाएगी व उसे डम्पिंग साइट पर उपयोग में लाया जाएगा व डम्पिंग साइट में पड़े लिगेसी वेस्ट को समाप्त करने के लिए नगर पंचायत के द्वारा भरसक प्रयास किया जायेगा।🙏🌹🙏 सचिव...

मंडी शहर स्वच्छता में 01 नम्बर पर आने की अपार सम्भावनाये।

Image
स्वच्छता के मामले में नम्बर 01 के लिए मंडी में हैं अपार संभावनाएं। मंडी जिसे छोटी काशी नाम से भी जाना जाता है, पूर्ण रूप से भोले बाबा की धार्मिक नगरी है व इस शहर के लोग सिस्टम से जुड़े एवं अपने शहर से इंतहा प्यार करते हैं, यही कारण है कि मेरे छोटे से कार्यकाल में सैंकड़ो के करीब वोलिएन्टीर्स इस शहर में बन चुके है। हर कोई स्वच्छता जैसे सवेदनशील विषय मे गंभीर एवं जागरूक है, जमीन से जुड़ा एवं धरातल पर क्रियाशील है। उसके भीतर अपने जन्मभूमि को स्वच्छ एवं सुंदर देखने की चाह है। इन बातों की पुष्टि मैं आगे उनके द्वारा किये गए क्रियाकलापों से करना चाहूंगा: ■स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े मेरे कई मित्र/सहयोगी अपने ही घरों में गीले कचरे से खाद बनाने में आगे आने शुरू हो गए है, जिनमे विशेष रूप से श्री शरद मल्होत्रा, श्री अतुल ठाकुर, श्री पीयूष मल्होत्रा, श्री विनोद बहल, श्री मति सरिता हांडा, श्री मति अलकनंदा हांडा वर्तमान पार्षद हैं। ये अभ्यास आने वाले समय मे अपने शहर की स्वच्छता एवं सुंदरता को कायम करने में तो मददगार होगा ही, इसके अतिरिक्त जैविक खाद घर मे ही तैयार मिलेगी। इससे आप किचन गार्डनिंग का शौक...