मंडी शहर स्वच्छता में 01 नम्बर पर आने की अपार सम्भावनाये।

स्वच्छता के मामले में नम्बर 01 के लिए मंडी में हैं अपार संभावनाएं।
मंडी जिसे छोटी काशी नाम से भी जाना जाता है, पूर्ण रूप से भोले बाबा की धार्मिक नगरी है व इस शहर के लोग सिस्टम से जुड़े एवं अपने शहर से इंतहा प्यार करते हैं, यही कारण है कि मेरे छोटे से कार्यकाल में सैंकड़ो के करीब वोलिएन्टीर्स इस शहर में बन चुके है। हर कोई स्वच्छता जैसे सवेदनशील विषय मे गंभीर एवं जागरूक है, जमीन से जुड़ा एवं धरातल पर क्रियाशील है। उसके भीतर अपने जन्मभूमि को स्वच्छ एवं सुंदर देखने की चाह है। इन बातों की पुष्टि मैं आगे उनके द्वारा किये गए क्रियाकलापों से करना चाहूंगा:
■स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े मेरे कई मित्र/सहयोगी अपने ही घरों में गीले कचरे से खाद बनाने में आगे आने शुरू हो गए है, जिनमे विशेष रूप से श्री शरद मल्होत्रा, श्री अतुल ठाकुर, श्री पीयूष मल्होत्रा, श्री विनोद बहल, श्री मति सरिता हांडा, श्री मति अलकनंदा हांडा वर्तमान पार्षद हैं। ये अभ्यास आने वाले समय मे अपने शहर की स्वच्छता एवं सुंदरता को कायम करने में तो मददगार होगा ही, इसके अतिरिक्त जैविक खाद घर मे ही तैयार मिलेगी। इससे आप किचन गार्डनिंग का शौक पूरा कर सकते हैं व जैविक साकसब्जी अपने घर मे तैयार कर सकते है।
■ स्वच्छ भारत मिशन के एक अन्य पहलू प्लास्टिक प्रबन्धन को लेकर मंडी वासी आगे आये हैं, इसमे अपने घर हो अथवा दुकान, जागरूक वासी सिंगल वेस्ट प्लास्टिक एवं नॉन-रेसायकलेबल प्लास्टिक को पॉलिब्रिक में बदलने लगे हैं, इस अभयास से जहां पर्यावरण के प्रति नॉन-रेसायकलेबल के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ने लगी है, वही उस वेस्ट प्लास्टिक रूपी जिन्न को बोत्तल में बंद कर उसे एक ब्रिक के रूप में तैयार किया जाने लगा है। यह अभ्यास भी आने वाले समय मे इस अवांछित वेस्ट के निष्पादन में अहम भूमिका का निर्वाह करने वाला है व इस पॉलिब्रिक कि मदद से शहर में अन्य उत्पाद जैसे बैंच एवं डंगें का निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकेगा व यह वेस्ट नदी, नालों, डांगों एवं खुले में फेंकने से काफी विराम लगेगा।
■ पलॉगिंग का प्रचलन
ये अभ्यास भी यहां के लोगों के स्वभाव में शामिल होने लगा है, आज शहर की तीन हस्तियां/उदाहरण मेरे सामने ऐसे हैं, जिसे मैंने ही नही अपितु सोशल मीडिया में आमजन ने इसके इस कृत्य को सराहा है। ये नाम है, कु0 आस्था, श्री मुनीष मोदगिल एवं श्री शरद मल्होत्रा। इस गजब के शौक से यदि शहर के 05-10 प्रतिशत लोग भी जुड़ जाएं तो अपने शहर की स्वच्छता में क्रांतिकारी असर देखने को मिलेगा।
■ स्वच्छता में जिला प्रशासन की भूमिका का अहम रोल
जिला प्रशासन के सौजन्य से भी विशेष रूप से स्वच्छता के क्षेत्र में अहम भूमिका का निर्वहन किया गया है, उपायुक्त महोदय द्वारा प्रत्येक सप्ताह स्वच्छता की कार्यवाही का मूल्यांकन करना एवं अन्य जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय कर मंडी शहर के समस्त स्कूलों में बच्चों को गार्बेज प्रबन्धन के हर पहलू को विस्तृत रूप से समझाकर जागरूक करना, पॉलिब्रिक कंसेप्ट के सम्बंध में एवं जैविक खाद के विषय मे जागरूकता फैलाने से भी सोच एवं व्यवहार में परिवर्तन आया है, हर घर का बच्चा किसी न किसी स्कूल से जुड़ा है व इस अभियान का सन्देश/असर हर घर तक गया है। हर घर गार्बेज सिस्टम/प्रबन्धन से जुड़ा है।
■ स्वच्छता में सरकार की भूमिका
मंडी शहर की स्वच्छता/सफाई/पीने के पानी एवं सीवरेज व्यवस्था की बात हो तो सरकार के सहयोग से यहां बेहतरीन प्रोजेक्ट के रूप में काम हुवा है। जहां तक मुझे संज्ञान है मंडी प्रदेश एवं देश का पहला शहर होगा जहां 24 घण्टे पीने के पानी की व्यवस्था आई0पी0एच0 के विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई है। यही सिस्टम सीवरेज की उचित व्यवस्था को लेकर भी है। यहां लगभग 95 प्रतिशत लोग सीवरेज सिस्टम से जुड़े है व इसका नियमित लाभ ले रहे है, किसी भी प्रकार की शिकायत आने पर त्वरित निवारण किया जाता है। इसी प्रकरण में सरकार द्वारा सॉलिड वेस्ट के उचित प्रबन्धन को लेकर सरकार से नियमित सहयोग मिल रहा है, हाल ही में सरकार के सहयोग से डम्पिंग साइट पर एक ट्रोमल मशीन स्थापित की गई है, जिसका उपयोग लिगेसी वेस्ट के निवारण के लिए शुरू कर दिया गया है।
■ स्वच्छता में स्ट्रीट वैंडर्स की भूमिका
नगर परिषद मंडी के द्वारा शहर में पंजीकृत स्ट्रीट वैंडर्स की पहचान कर यहां स्ट्रीट वेंडिंग पालिसी लागू की गई है, जिस कारण सभी वैंडर्स नगर परिषद से सीधे रूप से जुड़े हैं व वे सभी स्वच्छता में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
■ स्वच्छता में NGO एवं आमजन की भागीदारी
अपने शहर में स्वच्छता को लेकर आमजन आगे आये हैं व ये वोलिएन्टीर्स एवं NGOs अपनी भूमिका का निर्वाह बेहतरीन तरीके से कर रहे हैं। इसका असर सीधे रूप से स्वच्छता एवं सफाई सिस्टम पर पड़ा है, सोच-व्यवहार में परिवर्तन में जन भागीदारी का अहम भूमिका रहती है। जो लोग परिवार स्वच्छता में अपनी भागीदारी तय कर लेता है वह पूर्णतः इस सिस्टम से जुड़ जाता है, इससे भी स्वच्छता के स्तर में हिजाफ़ा हुवा है।
■ नगर परिषद के निर्वाचित सदस्यगणों की भूमिका
शहर की स्वच्छता एवं सफाई के अतिमहत्वपूर्ण विषय मे अपने पार्षदगणों की अहम भूमिका रहती है, अतः मंडी शहर के समस्त पार्षदगण स्वच्छता के मामले में काफी संजीदा/जागरूक हैं व इसी के चलते सभी पार्षदगण अपने-2 वार्डस में सफाई अभियान एवं वार्ड सभा की बैठकों में निरन्तर हिस्सा लेते हैं। ये भी एक सकारात्मक पहलू है, जिससे आमजन को लाभ मिल रहा है।

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