Processing of flowers.
एक सोच स्वच्छता की ओर:-
एक जनून, एक जज्बा एवं एक होंसला आपको शिखर/लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त है, मेरे मित्र है हरिद्वार में जो गंगा माँ की स्वच्छता के लिए being bhagirath नाम से स्वच्छता टीम बनाकर प्रत्येक रविवार हरिद्वार, रुड़की, कानपुर में श्रम-दान कर माँ गंगा जी की अस्मिता को पुनः उसी स्वछता को लौटाने में प्रयासरत हैं, जैसा कि आदिकाल से माँ गंगा जी का स्वरूप रहा है।
शिखर पालीवाल द्वारा अब हरिद्वार में मंदिरों में आने वाले फूलों को अर्पण के उपरांत प्रोसेस कर अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया है, धार्मिकता के साथ-2 स्वच्छता का संदेश देती being bhagirath एक स्वरोजगार का भी विकल्प तैयार कर रही है, इस काम में न जाने कितने भाइयों के लिये रोजगार भी उतपन्न होंगें व वातावरण शुद्ध भी होगा।




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