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Showing posts from March, 2019

स्वच्छता अभियान 31.03.2019

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आज दिनांक 31.03.2019 को खत्री सभा युथ विंग, वीर मंडल एवं आई0आई0टी0 से स्वंम सेवकों के सौजन्य से शिवा बावड़ी, पंजवक्त्र महादेव मंदिर के आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता अभियान किया गया, इस स्वच्छता अभियान में कुल 125 के लगभग वोलिएन्टीर्स ने भाग लिया, स्वच्छता अभियान में दो वाहन गार्बेज वेस्ट व्यास एवं सकती खड्ड के समीप से एकत्रित किया गया। ये स्वच्छता अभियान में विशेष रूप से जन-भागीदारी रही, ये स्वछता अभियान के लिए अहम पहलू है। इस स्वच्छता अभियान में वीर मंडल की ओर के प्रधान  चंद्र शेखर ,नेत्र लाल कीर्ती वैद्य नवीन कपूर विद्या वैद्य नारिन्द्रा कपूर खत्री सभा युथ विंग, की ऒर से मनीष कपूर ,सुधांशु कपूर,भारत कपूर मातुल  मातुल मल्होत्रा,धीरज टंडन,शरद मल्होत्रा,विशाल कपूर,राजेश सहगल,ललित मल्होत्रा,व्यापर मण्डल प्रधान राजा मोहिन्द्रो एवं सचिव प्रशांत बहल आई0आई0टी0 से श्री प्रतीक पठानिया एवं श्री सुमीत सिन्हा एवं NSS के वोलिएन्टीर्स ने भाग लिया। नगर परिषद् की तरफ से कार्यकारी  अधिकारी बी आर नेगी सफाई निरीक्षक प्रदीप दीक्षित एवँ हरीश कुमार भी मौजूद रहे।

स्वच्छता में जनसहयोग।

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आज के दौर में अपने देश मे स्वच्छता के क्षेत्र में जो क्रांति आने लगी है, इसमे आमजन के सम्मिलित होने या कह लीजिए स्वच्छता में जनसहयोग के चलते आने लगी है। यूं तो स्वच्छताग्रहियों के द्वारा स्वच्छता सम्बन्धी कार्य सैंकडों वर्षों से किये जा रहे हैं, परन्तु अपने देश में आज़ादी के 68 वर्षों से स्वच्छता का स्तर गिरता आ रहा था, कह लीजिए शौचालयों की कमी, खुले में शौच, गार्बेज कलेक्शन का तरीका ठीक नही, ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था उचित नही, डंपिंग सिस्टम खुले में, ये सभी चुनोतियाँ हमारे समक्ष हैं। पिछले 4-5 वर्षों से स्वच्छता एवं सफाई के हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, उसने एक सकारात्मक पहलू है, स्वच्छता में आमजन की रुचि/स्वच्छता में जनसहयोग, लोग खुल कर सामने आए हैं व सामुदायिक स्वच्छता में बढ़चढ़ कर सहयोग करने में लगे है। जाहिर सी बात है अस्वच्छता से समाज मे न जाने कितनी बीमारियां फैलती हैं व गंदगी किसे पसन्द है, हर कोई स्वच्छता चाहने लगा है, इससे अपने स्वच्छताग्रहियों का मनोबल में भी वृद्धि हुई है व स्वच्छता के स्तर में भी क्रांतिकारी हिजाफ़ा हुवा है। स्वच्छता में जबतक आमज...

पेड़ लगाओ, दुनिया बचाओ।

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जब इंसान अपनी देह का त्याग करता है तो वास्तव में उसे अपने जीते जी हर प्रकार के ऋण से मुक्त होना चाहिए, ऐसा हमारे शास्त्रों में लिखा है, जो कि उचित भी है। अक्सर/आमतौर से इस दुनिया मे अधिकतम लोग अज्ञानी ऐसे भी है, जो न चाहते हुए भी प्रकृति के ऋणी हो जाते हैं। अपनी देह की अंत्येष्टि यानी दाह संस्कार के लिए 5 किवंटल सोखता {लकड़ी} की जरूरत होती है, परन्तु जीवन मे कोई पेड़ लगाया नही, उल्टा जाते समय 5 से 6 किवंटल लकड़ी लेना उसकी एवं उसके आश्रितों की मजबूरी बन जाती है, इसी प्रकार यदि हम अपने दिवंगत माता-पिता, दादा-दादी को इस प्रकृति ऋण से मुक्त करना चाहते हैं तो उनके नाम के पेड़ अवश्य लगाना चाहिए व उसकी देखभाल भी जरूर करनी चाहिए, ये समय की भी मांग है व हमारे अन्तर्मन की तस्सली के लिए भी, जब हम दुनिया छोड़ कर जाएं तो किसी प्रकार के कर्जे में न हों, ऐसा भाव हर समय रहना चाहिए व पेड़ अधिक से अधिक लगाने चाहिए।🙏

Solid waste management

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 आज के दौर में हम जूझ रहे हैं, सॉलिड वेस्ट से, सॉलिड वेस्ट में भी न जाने कितने प्रकार के वेस्ट आ चुके हैं, जिनका की उनकी प्रकृति के हिसाब से निष्पादित होना ही स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए हितकारी होता है। जैसे कि ई0-वेस्ट, हैजर्ट वेस्ट, बायोडिग्रेडेबल वेस्ट, नॉन-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट इत्यदि। परन्तु आमतौर से ऐसा नही हो पा रहा है, जिस कारण राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण सख्त रवैया अपनाने को विवश है। इसी असन्तुलन के चलते वर्ष 2018 में वर्षा ऋतु के मौसम में सोलन में अश्वनी खड्ड को प्लास्टिक नदी के रूप में दुनिया ने देखा। हम बात करना चाहते हैं नॉन-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट के उचित निष्पादन की, इसके अंतर्गत प्रकृति में शीघ्र रूप से न मिलने वाला मेटीरियल आता है, जिसमे प्लास्टिक पॉलीथीन मुख्य तत्व हैं, जिसका कि वातावरण में शीघ्र लौटना बड़ा कठिन है व आज के दौर में हम इसके चलन के आदि भी हो चुके हैं, ये प्लास्टिक 【पॉलीथिन】हमारी जीवन का अंग बन चुका है। वातावरण को इसकी 【पॉलीथिन】व्यापक हानि होने की जानकारी के उपरांत भी हमारी सरकारें इसके पूर्ण प्रतिबंध पर विवश हैं, वातावरण को होने वाले न...

स्वच्छता कलश

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स्वच्छता को लेकर एक विचार मन मे आया है कि अपना मंडी शहर धार्मिक होने के कारण, यहां धार्मिक क्रियाकलाप समय-2 पर होते रहते हैं व घर-2 मे जो खंडित मूर्ति/पोस्टर/कलेंडर पूजा सामग्री होती है, अक्सर व्यवस्था के न चलते इनको कूड़ेदान में डाल दिया जाता है व ये सामग्री अंततः डंपिंग साइट पर पहुँच जाती हैं, जो कि धार्मिक लोगों के लिए बड़ा ही गंभीर विषय है, इसके उचित निदान के लिए हरिद्वार में चलाई जा रही एक योजना धार्मिक संस्था के माध्यम से अपने धार्मिक नगरी मंडी में भी सम्भव है व इससे मानसिक सन्तुष्टि का भी आभास होगा व आमजन को एक मंच/व्यवस्था भी मिल जाएगी। इस व्यवस्था को अडॉप्ट करने हेतु जो भी धार्मिक संघठन अपनी रुचि रखते हों वे अपनी प्रस्तावना नगर परिषद को दे सकते हैं, ऐसा अभ्यास निसन्देश स्वच्छता में भी सहायक होगा। आप भी अपना विचार रख सकते हैं।🙏 सफाई निरीक्षक नगर परिषद मंडी, हिमाचल। #स्वच्छता_में_जनसहयोग #mcmandi
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हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा [सॉलिड वेस्ट प्रबन्धन का वैज्ञानिक पद्दति के अनुरूप विकेन्द्रीकृत रूप से निष्पादित करने हेतू ] समस्त निकायों को दिशानिर्देश दिए गये। इस सम्बंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण 【NGT】 द्वारा सरकार से सॉलिड वेस्ट प्रबन्धन नियम को बने 3 साल उपरांत भी कोई खास प्रगति बारे नाराजगी जताई है। इन नियमो के अंतर्गत गार्बेज का वैज्ञानिक पद्दति के अनुरूप निष्पादित किया जाना है, जिसने अंतर्गत सॉलिड वेस्ट डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन, ट्रांसपोर्टशन, सेग्रिगेशन एट सोर्स एवं प्रॉपर डिस्पोज़ ऑफ 31 मार्च से पूर्व किये जाने के निर्देश दिए गए।

How to prepare organic compost from waste.

https://m.facebook.com/groups/925105937566695?view=permalink&id=1542748769135739 अधिक जानकारी के लिए उपरोक्त लिंक पर क्लिक करें।🙏

समय की मांग स्वच्छता

समय की मांग स्वच्छता:- समय की मांग है कि स्वच्छता अपनायी जाए, स्वच्छता की बेहतरी में काम किये जायें, काम चाहे शौक से किये जायेंगे, चाहे दबाव में किये जायेंगे, स्वच्छता पर काम तो होकर रहना है, ये मैं नही माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने सरकार से अपेक्षा की है। अब सरकार यही अपेक्षा शहरी निकायों से रखती है कि ठोस कचरा प्रबंधन को विज्ञानिक तरीके से निष्पादित किया जाये। देर आये दूरूस्त आये, स्वच्छता पर सरकार यदि गंभीर है तो इसके सकरात्मक प्रभाव होगा भी, स्वच्छता के क्षेत्र में आने वाली समश्याओ पर भी फोकस होगा। यदि वैज्ञानिक रूप से सॉलिड वेस्ट को निष्पादित किया जाना है तो शुरू से लेकर अंत तक हर क्षेत्र सुधार की नितांत जरूरत होगी, इसके लिए मुख्य सचिव महोदय ने स्पष्ट मौखिक आदेश भी सभी निकायों के अधिकारियों को दे दिए गए है कि अन्य विकासात्मक कार्यों से कटौती की जाए पर स्वच्छता के कार्यों को पूर्ण किया जाए इससे कोई समझौता न हो। ऐसा अवसर पहली बार हुवा है जब सरकार स्वच्छता के क्षेत्र में इतनी गंभीर हुई है। अब हम सबका दायित्व बन जाता है कि हम सभी एक जुट होकर स्वच्छता के काम मे पूरी ऊर्ज...

स्वछता में जनसहभागिता जरूरी।

स्वच्छता में जनसहभागिता जरूरी:- कुछ समय से ये देखने में आया है कि स्वच्छता एवं सफाई के मामले में लोगों की जागरूकता बड़ी है, आज इस क्षेत्र में हर कोई झाड़ू उठाने के लिये तत्पर रहता है, स्वमं सेवको की संख्या में भी हिजाफा होने लगा है, लोग भी सफाई कर्मचारियों के काम को तवज्जो देने लगे है, उनके काम में भी तबदीली आयी है, फ़ोन फेसबुक/व्हाट्सअप, नेट हर व्यक्ति की जेब में है, हर कर्मी को ऐसा लगने लगा है कि कोई मेरी रिकॉर्डिंग तो नहीं कर रहा, कोई मेरी पिक तो नहीं ले रहा है, हर व्यक्ति जागरूक होने लगा है। ऐसे बहुत उदाहरण है, जब मेरा कर्मी कुछ गलत करने लगता है व् उसकी तुरन्त मेरे तक उसकी सुचना मिल जाती है व् उस काम को दुरुस्त करने में त्वरित मदद मिल जाती है, ये सब समय परिवर्तन, आधुनिक तकनीक, सोशल मीडिया की ही ताकत है कि जाने अनजाने आप कितने लोगों के सम्पर्क में होते है व् आपकी कार्यशैली पर उनकी पूरी नजर होती है। पिछले समय से मंडी शहर में  खत्री सभा युथ विंग, वीरमण्डल, आई0आई0टी0 कामांध(मंडी), निरंकारी संस्था, नामधारी संगत, आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक एवं अब को0ऑपरेटिव बैंक, जैसी संस्थाओं की भूमिका भी...