Public awareness regd. Sanitation
यदि हम वास्तव में अपने शहर को स्वच्छ व् सुंदर देखने के लिये गंभीर हैं, उत्सुक है, तो इसके लिये हर समय हमें सजग रहना पड़ेगा, इस काम के लिए “जनसहभागिता एवम् जागरूकता” दो तत्व ऐसे हैं, जिनके बिना हम किसी भी कीमत पर लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते, चाहे हम नगर परिषद् के सफाई कर्मियों की संख्या दुगनी ही क्यों न कर दें। ये अपने शहर का सोभाग्य है की दोनों ही तत्व वर्तमान में अपने चरम पर हैं।
जागरूकता की यदि बात करें तो मेरा ये मानना है कि श्री तिवारी जी के तत्वधान में क्लीन पांवटा ग्रीन पांवटा ने जागरूकता की जो अलख जगाई है वो अपने शिखर पर है, जिसमे कि पांवटा साहिब के सभी स्कूलों में बच्चों से सीधा संवाद स्थापित कर उनके अंदर एक विचार की उत्पत्ति को संचरित किया है। जिससे कि घर के बड़े भी स्वच्छता के प्रति अपने उदासीन रवैये पर बच्चों के टोकने पर अपनी नजर निचे करने लगें। हर घर में स्वच्छता के प्रति लोगों में चरचा एवम् गंभीर होना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात है। अब समय ऐसा आ गया है कि घर में डस्टबिन की महत्ता बड़ गयी है।
इस समय स्वच्छता के प्रति जागरूकता की अद्भुत सी क्रांति जो देख रहा हूँ, हर व्यक्ति जागने लगा है, लीगल एक्शन तक तो बात जाती ही नहीं। बात तो केवल और केवल टोकने से ही बनने लगी है, गंदगी डालने वाले को जैसे ही टोका जाता है, वो स्वम् सफाई करने लगता है। बाजार में भी ऐसा ही दृश्य है। हर दुकानदार जो अपना कचरा सड़क पर डालने का आदी था, अब सिस्टम से जुड़ने के लिए आतुर है।
अब बात करते हैं जन सहभागिता की, जन सहभागिता भी अपने यौवन पर है, हर व्यक्ति झाड़ू पकड़ने में अपनी शान समझने लगा है, जिससे भी सफाई अभियान में शामिल होकर श्रम दान की बात करता हूँ तो झट से पोसिटिव जवाब मिलता है, अब निरंकारी मिशन की बात करें तो बाबा हरदेव सिंह जी स्वच्छता की बात करते हैं व् उनके अनुयायी तो बाबा जी के जन्मदिवस पर पुरे भारतवर्ष व् विश्व में विशेष रूप से स्वच्छता अभियान चलाते हैं व् प्लांटेशन भी की जाती है, सन्देश स्पष्ट है कि अपने वातावरण को स्वच्छ व् हराभरा रखना हम सब का दायित्व है।
जन सहभागिता की बात यदि करें तो अब अपने शहर में वातावरण बिलकुल परिवर्तन की ओर है, चाहे स्कूल हों ऑफिस हों, अथवा किसी भी संस्था के ऑफिस, हर व्यक्ति अपने आसपास स्वच्छता के लिए गंभीर दिखने लगा है। हर वर्ष श्री जगन्नाथ जी की शोभा यात्रा हो अथवा गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब की ओर से होने वाला कोई भी उत्सव ही क्यों न हो, युवा भी पीछे नहीं हैं, ये सभी क्रिया कलाप वास्तव में एक परिवर्तन की आहट का अहसास करा रहे हैं। एक दिन पहले की ही एक घटना आपसे साँझा करना चाहूँगा, जिसकी पुष्टि उपमंडलाधिकारी पांवटा साहिब श्री एच0एस0राणा जी ने भी की थी व् मुझे मार्केट से एक कॉल भाटिया जी की भी आई थी, जिनके अनुसार एक अज्ञात महिला द्वारा उनके घर के समीप गली की सफाई बिना किसी स्वार्थ के सफाई की। व्हाट्सऐप पर भी आज एक वीडियो प्राप्त हुयी जिसमे एक महिला सुबह पार्क में मॉर्निंग वाक के दौरान पार्क में फैली गंदगी की सफाई खुद करती है।
ये सभी उद्धाहरण हमारे लिए एक प्रेणास्रोत है व् हमारे इरादों को सुदृढ़ व् मजबूत करने के लिए प्रयाप्त हैं। जिससे समाज में स्पष्ट सन्देश जाता है की यदि हम अपने वातावरण/पर्यावरण को गंभीर रूप से शुद्ध देखने के लिए उत्सुक हैं, तो हमें अपने दायित्व से गुरेज नहीं करना है, स्वच्छ्ता का हर पल ध्यान रखना है, अपने आसपास के लोगों को जागरूक करना है। अपनी भागेदारी किसी न किसी रूप में समय का दान देकर समाज को दिखानी भी है कि हम केवल कोरी बात ही नहीं करते हम अपना बहुमूल्य समय समाज को इस पुनीत कार्य के लिए दे रहे है। धन्यवाद।
प्रदीप कुमार दीक्षित,
सफाई पर्वेक्षक,
नगर परिषद् पांवटा साहिब हि0प्र0।
Email-dixitpradeep08@gmail.com
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