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Showing posts from 2019

IEC regd. Swachhta at Arunoday Sr. Sec. School Mandi

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आज के समय की मांग स्वच्छता में जागरुकता निरन्तर चलती रहे, ताकि हर जनमानस स्वच्छता के प्रति संजीदा रहे, जागरूक रहे। स्वच्छता के हर आयाम की जानकारी उसे हो। इसी संदर्भ में जिला प्रशासन मंडी के तत्वधान में अरुणोदय सीनियर सेकंडरी स्कूल में स्वच्छता जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। पेश है रिपोर्ट: आज दिनांक 29.11.2019 को जिला प्रशासन की ओर से श्री आशुतोष गर्ग स्थानीय प्रशासन की ओर से श्री मति सुमन ठाकुर अध्यक्षा, श्री पुष्पराज कात्यायन, श्री जितेंदर शर्मा, श्री बंसी लाल पार्षद नगर परिषद मंडी, श्री बी0 आर0 नेगी0 कार्यकारी अधिकारी श्री राजेश चौधरी सहायक अभियंता, श्री प्रदीप कुमार सफाई निरीक्षक एवं "मेरे अपने" से श्री विनोद बहल, श्री अनिल शर्मा, श्री रविकांत कपूर एवं श्री अजय कुमार के संयुक्त प्रयासों से नगर परिषद क्षेत्र के समस्त स्कूलों में स्वच्छता के सम्बंध में जागरूक किया जा रहा है, इसी कढ़ी में आज अरुणोदय सीनियर सेकंडरी स्कूल में स्वच्छता जागरूकता अभियान के तहत सॉलिड वेस्ट के निष्पादन की सभी विधियों से स्कूल प्रबंधन एवं बच्चों को जागरूक किया गया। इन विधियों...

स्वच्छता में जनसहभगिता जेल रोड वार्ड नं0 03 मंडी।

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हमने स्वच्छता की शपथ ली है, हम स्वच्छता के प्रति जिम्मेवार नागरिक है न गंदगी करेंगें व किसी को करने देंगें, सिस्टम से जुड़े हैं, अन्यों को भी सिस्टम से जोड़ेंगे, मानो ये विचार इस टीम के अंतर्भाव से प्रकट हो रहे हों।  🖕ये टीम है शिव शक्ति मंडल जेल रोड की व इन्होनें आज अपनी पार्षद श्री मति सिमरन जीत कौर के साथ मिलकर शिव मंदिर के आसपास की स्वच्छता को सुनिश्चित किया, स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है, इसी उद्देश्य को लेकर ये टीम जुटी है स्वच्छता को लेकर, ऐसी प्रक्रिया का होना नगर परिषद के लिये भी बड़ा गौरव का विषय है जब आमजन की आहुति इस स्वच्छता अभियान में डलती रहे व हमारा मिशन का कार्य तेजी के साथ आगे बढ़ता रहे। शिव शक्ति मंडल के समस्त टीम को एवं नगर पार्षद श्री मति सिमरनजीत कौर को इस नेक कार्य के लिये साधुवाद।

Avoid Plastic and Tharmokol

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हम भूलते जा रहे है, पुरानी परंपराओं को, पुराने रीति रिवाजों, इस आधुनिकता ने हमारी सामाजिक सरंचनाओं का काफी नुकसान किया है। एक परंपरा होती थी, भूमि पर खाना खाने की, हमने बारातों में भी ये परंपरा अपनी आंखों से देखी थी, जब दूल्हा व बाराती भूमि आसन लगा कर बड़े आनन्द के साथ खाना खाते थे, ये सब चीजें अब इतिहास सी बनती चली जा रही है। दूसरी बात खाना पत्तलों में सर्विस होता था, कितना सात्विक होता था व प्रकति से जुड़ाव दिखता था इंसान का, अब शहरों में पत्तलों का स्थान ले लिया है थर्मोलोल एवं प्लाटिक ने। सस्ता एवं सर्वसुलभ होने की वजह से इंसान ने इसे अपनाना चाहा, प्लेट्स के साथ-2 गिलास एवं चम्मच भी प्लास्टिक के होते हैं जो कि स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण तीनो के लिये नुकसानदेह/हानिकारक हैं, अब लोग इसे जानने लगे हैं कि थर्मोकोल एवं प्लास्टिक का दुष्प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर होता है, एक प्लास्टिक के कप में गर्मा-गर्म मिलने वाली चाय का स्वाद कैंसर का कारक बनता है, क्योंकि उसमें केमिकल लगा होता है व उसमे गर्म चाय डाले जाने से वह केमिकल हमारे शरीर मे प्रवेश कर जाता ह...

Avoid plastic/polythene

हम किस दिशा की ओर जा रहे हैं? हमे जाना कहाँ हैं? हमारा लक्ष्य है? हम पथभर्मित हो चुके हैं। प्रकृति हमे अहसाश करा रही कि प्लास्टिक का उपयोग न करें, क्योंकि समुद्र ने भी इसे नकार दिया है, फिर भी हम इसका उपयोग करने में तुले है। इस पर गहन मंथन करें व फुर्सत में अपने अन्तर्मन से सोचें कि हम अपने आने वाली पीढ़ी को कैसा माहौल देकर जाने वाले हैं। This scene is of Juhu Beach after the Mumbai Rains. Plastic and Paper waste that was dumped in the Sea by us, Mother Nature return it back to us...

Processing of flowers.

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एक सोच स्वच्छता की ओर:- एक जनून, एक जज्बा एवं एक होंसला आपको शिखर/लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त है, मेरे मित्र है हरिद्वार में जो गंगा माँ की स्वच्छता के लिए being bhagirath नाम से स्वच्छता टीम बनाकर प्रत्येक रविवार हरिद्वार, रुड़की, कानपुर में श्रम-दान कर माँ गंगा जी की अस्मिता को पुनः उसी स्वछता को लौटाने में प्रयासरत हैं, जैसा कि आदिकाल से माँ गंगा जी का स्वरूप रहा है। शिखर पालीवाल द्वारा अब हरिद्वार में मंदिरों में आने वाले फूलों को अर्पण के उपरांत प्रोसेस कर अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया है, धार्मिकता के साथ-2 स्वच्छता का संदेश देती being bhagirath एक स्वरोजगार का भी विकल्प तैयार कर रही है, इस काम में न जाने कितने भाइयों के लिये रोजगार भी उतपन्न होंगें व वातावरण शुद्ध भी होगा। 

Polybrick

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एक बेहतर स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण की ओर बढ़ता एक कदम, इन बच्चों में ठाना है कि बिस्किट, टॉफी चॉकलेट, नमकीन, कुरकुरे चिप्स इत्यदि से निकलने वाले वेस्ट को खुले में अथवा कुड़े-दान में न डालकर एक प्लास्टिक की बोतल में बंद किया जाएगा, व इस बोतल को नगर परिषद के हवाले किया जाएगा, इस रैपर से भरी बोतल को पोलीब्रिक का नाम दिया गया है, क्योंकि ऐसे रैपर का कोई उपयोग नही व पुनःचकर्ण नही, इसका ऐसी बोतल में बंद होकर किसी डंगें के निर्माण में उपयोग लाया जा सकता है। ये बच्चे बधाई के पात्र है, जो पर्यावरण के लिए इतने गंभीर है, आइये हम भी अपनी सोच में तब्दीली लाएं।🙏🌹🙏 #polybrick

Public participation in swachhta

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🌹स्वच्छता के क्षेत्र में समाज की सहभागिता होने लगती है तो उसका असर धरातल पर भी दिखाई देने लगता है, एक जागरूक समाज मे जागरूक स्वंम सेवक की अहम भूमिका होती है, जिसका निर्वाह पैलेस कॉलोनी में स्वंम सेवकों के द्वारा स्वच्छता अभियान में अपने मोहल्ले के आसपास के क्षेत्र की सफाई करके किया गया, ये बड़ी बात है जब आमजन स्वच्छता के क्षेत्र में मिलजुल कर ऐसी गतिविधि में शमिल हो एवं अपने साथियों को भी उसमे शामिल करें, कुछ समय उपरांत परिवर्तन जरूर देखने को मिलेगा। टीम के समस्त सदस्यों को साधुवाद।🙏🌹🙏

Reuse of plastic waste

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* प्लास्टिक वेस्ट लड़ने/झूझने का एक तरीका ये भी👇 *   ग्रुप की सक्रिय सदस्य एवं वेस्ट मेटेरियल से स्वरोजगार उतपन्न करने में दक्ष @ ⁨Santosh Sachdeva Suhada Mohalla⁩ जी द्वारा वेस्ट बोटल से छोटे-2 पॉट्स बनाये गए हैं, जिनका उपयोग अपने घर मे पुदीना/तुलसी व अन्य पौधों को लगाने में अमल में लाया जा सकता है। इस अभ्यास से कितने लाभ होंगे, एक वेस्ट-प्लास्टिक का  रियूज़ पॉट्स के रूप में, घर की सुंदरता एवं मनोहारी एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से पौधों का लगाया जाना जिससे वातावरण स्वच्छ एवं हरा-भरा बनने में सहायता भी मिलेगी व घर के अनुपयोगी स्पेस का भी सदुपयोग हो पायेगा व अपना शौक/हॉबी भी पूरा होगा। अतः ऐसे उत्पाद को अपने घर की शौभा बढ़ाने में अपनी भूमिका  का निर्वाह करने की कृपा करें। इस पॉट की कीमत 30/- है।इसे प्राप्त करने के लिये मेरे नम्बर पर कॉल कर सकते हैै।🙏🌹🙏

Best Practices in waste minimization

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           "समय की मांग वेस्ट मिनिमाइसशन" समय की मांग है कि सॉलिड वेस्ट को डम्पिंग साइट पर अधिक बोझ न बनने दिया जाए, सरकारें इसी पद्दति पर काम करने लगी हैं व इसी संदर्भ में शहरी क्षेत्रों में Garbage Bulk Generator हैं, उनके लिए अलग से गाइडलाइन बन रही है, ये जरूरी भी है कि शहरों की डम्पिंग साइट की ओर पिछले समय मे सरकार इतना ध्यान नही देती थी, गरबेज प्रोसेसिंग की तरफ भी बहुत कम ध्यान था, परन्तु कुड़े के बड़े-बड़े पहाड़ अब हर किसी को सोचने के लिए विवश कर देते है कि आने वाली पीढ़ी का भविष्य क्या होगा। इसी क्रम को गति देते हुवे इंदिरा मार्किट से जो फ़ूड वेस्ट जीवनाशित कचरा उतपन्न होता था, उसको ठिकाने लगाने के लिए एक पिगरी फॉर्म के स्वामी से सम्पर्क कर बात कर ली गयी, वह स्वंम अपने वाहन में ये वेस्ट मार्केट से ले जाया करेगा व उसका उपयोग अपने पिगरी फॉर्म में करेगा। इस काम से एक साथ तीन समस्याओं का निदान हो गया, एक पिगरी फॉर्म वाले को एक ही स्थान से सुवरों के लिए खाना मिल गया, दूसरा bulk Garbage Generators की समश्या का निदान हो गया, नगर परिषद की लेबर का मानविकी श...

Vermicompost केंचुवा खाद

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"केंचुवा खाद" इसे वक्त की मांग कहिये या एक मजबूरी कहिये कि हमे अपनी उपज एवं मिट्टी में सुधार की जरूरत है, क्योंकी अधिक लाभ लेने के चक्कर मे एवं मांग की पूर्ति न होने पर आज का किसान भी यूरिया एवं पेस्टिसाइड के चक्कर मे पड़ गया है, ये एक भयानक रास्ता है, जो कि हमे निरन्तर कमजोर करता जा रहा है, एक हम जो खा-पी रहे हैं, उसमे धीमी मात्रा में जहर हमारे भीतर जा रहा है एवं जो खा रहे हैं, अधिक उपज लेने के लालच में, उसका स्वाद भी वो नही रहा, जैसा कि होना चाहिए था। अब इन कमजोरियों को पूरा करने के लिए हमे अपनी उर्वरक शक्ति को बढ़ाना पड़ेगा एवं प्रकृति के साथ चलकर अपने मित्र जीव केंचुवे से दोस्ती करनी होगी, उसका ख्याल रखना होगा, ताकि वह निरन्तर काम मे लगा रहे व वह ऑर्गेनिक वेस्ट को भी समाप्त कर सके व इससे बदले में हमे वर्मी-कम्पोस्ट भी प्रदान करता रहे है व दोनो तरफ से लाभ। हमे केवल केंचुवा खाद के बिसिक जानकारी जुटानी है व इस कार्य मे गंभीरता से जुट जाना है, इससे हमारे सॉलिड वेस्ट का वैज्ञानिक रूप से निष्पादन भी होता जाएगा व ये वेस्ट पुनः प्रकृति में खाद के रूप में भी हमारे समक्ष होग...

Plastic Waste Management 【poly brick】

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 "जरा सोचिये" वो कहते हैं न कि तस्वीर की भी अपनी एक भाषा होती है, गौर से देखिए इस तस्वीर को, समझ मे आएगा कि यह बच्ची प्लास्टिक की बोतल से खेल भी रही है व एक बहुत बड़ा सन्देश हम सबको दे रही है, सन्देश क्या है इस पर चर्चा करते है:- आज के दौर में हमने तो इस बच्ची के जीवन की तुलना में अपने जीवन लगभग जी लिया, इस बच्ची की तो अभी शुरुआत है, परन्तु ये प्लास्टिक/पॉलीथिन हमारे जीवन मे दानव के रूप में न जाने कहाँ से आ गया कि ये समाप्त होता नही, बल्कि इसके उत्पाद नए नए रूप में हमारे सामने आ जाते है व इस प्लास्टिक को समाप्त करने की एक विकराल समस्या हमारे समक्ष है, ये बच्ची इसी उधेड़-बुन में लगी है कि कोई तो इसे समझे ये इस बोतल में टॉफी, चॉकलेट, बिस्किट, नमकीन, शैम्पू के प्लास्टिक के रैपर को इकठ्ठा करके भर रही है व पोलीब्रिक बनाने में व्यस्त है, इसका प्रशिक्षण इसके पिता प्रदीप जी 【जेल रॉड】 निवासी इसे दे रहे है, ये अपने आप मे एक बहुत बड़ा सन्देश है कि जिस प्लास्टिक को हम बिना किसी प्रोसेस के नदी/नालों/दरिया में डाल देते है व सैंकड़ों वर्ष तक उसका प्रकृति में विघटन होना सम्भव नही व उससे ...

Plastic/ Polythene management

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किसी ग्रुप अथवा टीम में काम करने का लाभ समाज को तब मिलता है, जब उसकी अच्छी आदतों के अनुसरण अपने दिनचर्या में शामिल कर लिया जाए, ग्रुप के ही सक्रिय सदस्य पेशे से मोती बाजार में ज्वेलर्स का काम करते है व ग्रुप में प्लास्टिक प्रबन्धन को लेकर एक सुझाव दिया गया था कि घर मे टॉफी, चॉकलेट,बिस्किट,नमकीन, शैम्पू पाउच व अन्य उत्पादनों से निकलने वाले प्लास्टिक रैपर को प्लास्टिक की बोत्तल में भरना शुरू कर दें व इसे अपनी आदत का हिस्सा बना लें, इससे हमें मानसिक सकून तो मिलेगा ही व स्वच्छता में आपकी आहुति तय मानी जायेगी, इस कसौटी पर ग्रुप के अन्य सदस्यों की भांति श्री गौरव चोपड़ा जी खरे उतरे हैं। श्री गौरव चोपड़ा जी का इस सामाजिक नेक कार्य के लिये हार्दिक अभिनन्दन एवं दिल की गहराई से शुक्रिया।

स्वच्छताग्रही ही स्वच्छ भारत मिशन की वास्तविक रीढ़ है।

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🇮🇳🇮🇳🇮🇳”सफाई कर्मी स्वच्छता मिशन की रीढ़”               आमतौर से देखने में आया है कि सामुदायिक स्वच्छता के मामले में एक आम नागरिक व् एक सफाई कर्मी का छत्तीस का आंकड़ा रहता है, एक नागरिक का एक सफाई कर्मी से केवल एक शिकायत का ही रिश्ता देखा गया है। एक सफाई कर्मी के प्रति आमजन का एक दुरी का रिश्ता रहता है, उससे मन से ही दूरी रखी गयी है आजतक। उसमे अपने पन का अहसास नहीं पाया गया, जबकि अब समय ने करवट बदली है, भेदभाव कोसों दूर है, ये एक क्राइम की श्रेणी में आता है। पूर्व में इस प्रकार के काम करने वालों के लिये काफी आपतिजनक शब्दों का उपयोग किया जाता रहा है, ऐसे आपतिजनक शब्दों के उपयोग पर वर्तमान में प्रतिबन्ध है, परंतु फिर भी किसी मौकों पर किसी के मुंह से ऐसे आपतिजनक शब्दों का उच्चारण सुनने को मिल ही जाता है। इसी से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि हमने ही खुद ऐसे लोगों से दूरी बना ली है। जबकि ये लोग ही आजकल के बहुचर्चित स्वच्छता मिशन की रीढ़ हैं, इन्हीं लोगों के दम पर हम एक स्वच्छ भारत का सपना देखते हैं। ...

Reduse treatment method of MSW

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* मार्किट में म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट को रिड्यूस एवं ऑर्गेनिक कम्पोस्ट में तबदील करने के लिए नई-2 रिसर्च हो रही है, जिससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान न हों एवं वेस्ट के भार में भी कमी आये एवं उसको रिड्यूस कर उसको ऑर्गेनिक खाद में भी तब्दील किया जा सके, जिसकी एक मार्किट में एक वैल्यू होती है, ऑर्गेनिक वेस्ट, वेस्ट नही, ये आमदनी का एक साधन होगा। इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र काफी सक्रिय है व जीवनाशित पर काफी प्रयोग अमल में लाये जा रहे है, जो कि 100% सेग्रिगेशन होने पर प्रैक्टिकल रूप से भी अप्लाई होंगें।🙏 *

एक कदम स्वच्छ मंडी की ओर।

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 *क्लीन मंडी स्वस्थ मंडी* इस ग्रुप में अपने शहर से लगभग हर वर्ग से व स्वच्छता से जुड़े अन्य विभागों से भी अधिकारी एवं कर्मचारी जुड़े व ग्रुप में अपने कार्य से जुड़ी आने वाली शिकायतों के निपटान हेतु बड़ी संजीदगी से लिया जा रहा है व इस अभ्यास से कार्यालय में आने वाली शिकायतों की संख्या पर भारी कटौती आयी है व यह ग्रुप स्वच्छता के मामलों में शिकायतों/सुझाव एवं चर्चा के लिये खुला मंच बन चुका है, जिसमे ग्रुप का सदस्य अपनी बात सीधी रख सकता है व इस ग्रुप में उच्चाधिकारी भी नजर लगाए है कि काम जमीनी स्तर पर हो रहा है कि नही, इसलिए पिक्स वीडियो का सहारा लिया जाता है। अपने शहर को स्वच्छता के मामलों में *0 Complaint City* कैसे करना है, इसके लिए मेरा एक सुझाव है कि नगर परिषद द्वारा वार्ड स्तर पर स्वच्छता निगरानीकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है, जिनका काम वार्ड स्तर पर आमजन से मिलना व उनकी स्वच्छता सम्बन्धी शिकाययतों का निवारण करना व आमजन एवं स्वच्छताग्रहियों के बीच तालमेल/सामंजस्य कायम करना है, ताकि मौका पर ही समस्याओं का निवारण सम्भव हो पाए। अतः ग्रुप के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि अपने-2 वार्ड मे...

Organic Compost Pits at Public Parks.

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 ऑर्गेनिक कम्पोस्ट पिट्स:- स्वच्छता सर्वेक्षण में इस योजना के भी मार्किंग तय की गई है कि अपने शहर में जो भी सार्वजनिक पार्क हैं, उन पार्क से उतपन्न होने वाला पत्ते, घास को वहीं पर कम्पोस्ट पिट में डालकर जैविक  खाद में तब्दील किया जाए, ये एक बेहतरीन सोच है एक पंथ दो काज, इससे गरबेज रिड्यूस होने में मदद मिलेगी, ऑन स्पॉट प्रोसेसिंग हो गया, बदले में आपको पार्क के लिए खाद मिल जाएगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में इस पद्दति को अपनाए जाने के भी मार्क्स तय किये गए हैं। 

Disposal of Sanitary Napkins

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सेनेटरी नेपकिन वेस्ट का हर घर से निकलना तय है एवं इस वेस्ट का जैविक कचरे एवं गैर जैविक कचरे में मिलाया जाना भी ठीक नही, अतः इस वेस्ट का प्रोसेसिंग इंसीनरेटर के माध्यम से ही किया जाना वैज्ञानिक पद्दति है, अतः इसमे हम सभी को एक स्वच्छताग्रहियों के स्वास्थ्य एवं सिस्टम से जुड़ने के लिए नगर परिषद को सहयोग करना है, इस वेस्ट को अपने घर देते समय एक लाल रंग के पैकेट/बैग/थैले में स्वच्छताग्रही को दें, ताकि उसे पता चल पाए, इस बैग में सैनिटरी पैड वाला वेस्ट है व इसको अलग प्रकार निष्पादित किया जाना है।  

Plastic is like a demon

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कोई भी तस्वीर को गौर से देखें तो, तस्वीर की अपनी एक भाषा होती है, वह देखने वाले को अपना एक सन्देश जरूर छोड़ जाती है, सन्देश सकारात्मक हो अथवा नकारात्मक, वह चर्चा का विषय जरूर बन जाता है,  अब ऊपर की पिक को ही लोजिये, ये तस्वीर भी अपने आप मे कुछ कह रही है, सड़क के किनारे नाले से निकाला गया, प्लास्टिक वेस्ट, यानी पानी की खाली बोतलें, जिनका की निस्पदन किया जाना इतना आसान नही, जितना कि हम शॉप से बोतल लेकर अपनी प्यास बुझा लेते हैं व पानी की बोतल को अपनी गाड़ी से बाहर फेंक देते हैं, यही प्रवृति आज समाज मे नकरत्मकत को फैलाने में सहायक है, हमे इसका आभास ही नही रहता कि हम अपने स्वभाव में क्या करते जा रहे है, हम अपने स्वच्छताग्रहियों की ओर ही देख लें, कि वह किन हालात में किस माहौल एवं परिस्थितियों में अपने काम से झुझते नजर आते हैं, उस कूड़ा बीनने वाले कि ओर ही देखकर आंकलन एवं मंथन करे कि उसकी जीवनचर्य कैसी है व डम्पिंग साइट पर वह पूरे दिन, सप्ताह, महीने रहकर प्लास्टिक का सामान इकठ्ठा कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। ये एक गंभीर विषय है व पर्यावरण से जुड़ा गंभीर मुद्दा है, जिस ओर हमारी सर...

Inspection by NGT of Dumping site at Brindavani

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एक टूर स्वच्छता की ओर आज रिजनल लेवल मोनिटरिंग कमिटी NGT की चेयरमैन श्री मति राजवंत संधू जी नगर परिषद मंडी की डम्पिंग साइट का निरीक्षण निदेशक, शहरी विकास श्री राम कुमार गौतम एवं श्री आशुतोष गर्ग ADC मंडी की उपस्थिति में किया गया, जिस बारे उनको श्री बी0 आर0 नेगी कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद मंडी द्वारा भविष्य एवं वर्तमान की गार्बेज सम्बन्धी योजना बारे विस्तार से सूचित किया गया, जिस बारे उन्होंने संतोष जाहिर किया।🙏

Plastic waste management meeting.

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आज स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्लास्टीक वेस्ट प्रबन्धन के अंतर्गत पॉलिथीन हटाओ अभियान के अंतर्गत स्वच्छता गोष्ठी का आयोजन कांफ्रेंस हाल जिला मुख्यालय मंडी में किया गया। प्लास्टिक वेस्ट का वैज्ञनिक पद्दति से रिसायकल/रिड्यूस एवं रीयूज़ हो एवं जहां-तहां बिखरा न हो, उसका कलेक्शन प्रोपर हो, उसका प्रोसेसिंग प्रोपर तरीके से हो, इस बाबत ADC Mandi श्री आशुतोष गर्ग द्वारा गोष्ठी में उपस्थित सदस्यों के समक्ष अपने विचार रखे, इस सम्बंध में ए0डी0सी0 महोदय द्वारा आमजन के सहयोग एवं अपनी मानसिकता में बदलाव के सम्बंध में भी जोर दिया। गोष्ठी में मंडी शहर के बुद्धजीवी वर्ग, गैर स्वंम सेवी संगठन, स्वंम सहायत समूह के सदस्य एवं नगर परिषद मंडी की समस्त टीम उपस्थित रही।