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Showing posts from April, 2019

एक कदम स्वच्छ मंडी की ओर।

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 *क्लीन मंडी स्वस्थ मंडी* इस ग्रुप में अपने शहर से लगभग हर वर्ग से व स्वच्छता से जुड़े अन्य विभागों से भी अधिकारी एवं कर्मचारी जुड़े व ग्रुप में अपने कार्य से जुड़ी आने वाली शिकायतों के निपटान हेतु बड़ी संजीदगी से लिया जा रहा है व इस अभ्यास से कार्यालय में आने वाली शिकायतों की संख्या पर भारी कटौती आयी है व यह ग्रुप स्वच्छता के मामलों में शिकायतों/सुझाव एवं चर्चा के लिये खुला मंच बन चुका है, जिसमे ग्रुप का सदस्य अपनी बात सीधी रख सकता है व इस ग्रुप में उच्चाधिकारी भी नजर लगाए है कि काम जमीनी स्तर पर हो रहा है कि नही, इसलिए पिक्स वीडियो का सहारा लिया जाता है। अपने शहर को स्वच्छता के मामलों में *0 Complaint City* कैसे करना है, इसके लिए मेरा एक सुझाव है कि नगर परिषद द्वारा वार्ड स्तर पर स्वच्छता निगरानीकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है, जिनका काम वार्ड स्तर पर आमजन से मिलना व उनकी स्वच्छता सम्बन्धी शिकाययतों का निवारण करना व आमजन एवं स्वच्छताग्रहियों के बीच तालमेल/सामंजस्य कायम करना है, ताकि मौका पर ही समस्याओं का निवारण सम्भव हो पाए। अतः ग्रुप के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि अपने-2 वार्ड मे...

Organic Compost Pits at Public Parks.

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 ऑर्गेनिक कम्पोस्ट पिट्स:- स्वच्छता सर्वेक्षण में इस योजना के भी मार्किंग तय की गई है कि अपने शहर में जो भी सार्वजनिक पार्क हैं, उन पार्क से उतपन्न होने वाला पत्ते, घास को वहीं पर कम्पोस्ट पिट में डालकर जैविक  खाद में तब्दील किया जाए, ये एक बेहतरीन सोच है एक पंथ दो काज, इससे गरबेज रिड्यूस होने में मदद मिलेगी, ऑन स्पॉट प्रोसेसिंग हो गया, बदले में आपको पार्क के लिए खाद मिल जाएगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में इस पद्दति को अपनाए जाने के भी मार्क्स तय किये गए हैं। 

Disposal of Sanitary Napkins

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सेनेटरी नेपकिन वेस्ट का हर घर से निकलना तय है एवं इस वेस्ट का जैविक कचरे एवं गैर जैविक कचरे में मिलाया जाना भी ठीक नही, अतः इस वेस्ट का प्रोसेसिंग इंसीनरेटर के माध्यम से ही किया जाना वैज्ञानिक पद्दति है, अतः इसमे हम सभी को एक स्वच्छताग्रहियों के स्वास्थ्य एवं सिस्टम से जुड़ने के लिए नगर परिषद को सहयोग करना है, इस वेस्ट को अपने घर देते समय एक लाल रंग के पैकेट/बैग/थैले में स्वच्छताग्रही को दें, ताकि उसे पता चल पाए, इस बैग में सैनिटरी पैड वाला वेस्ट है व इसको अलग प्रकार निष्पादित किया जाना है।  

Plastic is like a demon

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कोई भी तस्वीर को गौर से देखें तो, तस्वीर की अपनी एक भाषा होती है, वह देखने वाले को अपना एक सन्देश जरूर छोड़ जाती है, सन्देश सकारात्मक हो अथवा नकारात्मक, वह चर्चा का विषय जरूर बन जाता है,  अब ऊपर की पिक को ही लोजिये, ये तस्वीर भी अपने आप मे कुछ कह रही है, सड़क के किनारे नाले से निकाला गया, प्लास्टिक वेस्ट, यानी पानी की खाली बोतलें, जिनका की निस्पदन किया जाना इतना आसान नही, जितना कि हम शॉप से बोतल लेकर अपनी प्यास बुझा लेते हैं व पानी की बोतल को अपनी गाड़ी से बाहर फेंक देते हैं, यही प्रवृति आज समाज मे नकरत्मकत को फैलाने में सहायक है, हमे इसका आभास ही नही रहता कि हम अपने स्वभाव में क्या करते जा रहे है, हम अपने स्वच्छताग्रहियों की ओर ही देख लें, कि वह किन हालात में किस माहौल एवं परिस्थितियों में अपने काम से झुझते नजर आते हैं, उस कूड़ा बीनने वाले कि ओर ही देखकर आंकलन एवं मंथन करे कि उसकी जीवनचर्य कैसी है व डम्पिंग साइट पर वह पूरे दिन, सप्ताह, महीने रहकर प्लास्टिक का सामान इकठ्ठा कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। ये एक गंभीर विषय है व पर्यावरण से जुड़ा गंभीर मुद्दा है, जिस ओर हमारी सर...

Inspection by NGT of Dumping site at Brindavani

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एक टूर स्वच्छता की ओर आज रिजनल लेवल मोनिटरिंग कमिटी NGT की चेयरमैन श्री मति राजवंत संधू जी नगर परिषद मंडी की डम्पिंग साइट का निरीक्षण निदेशक, शहरी विकास श्री राम कुमार गौतम एवं श्री आशुतोष गर्ग ADC मंडी की उपस्थिति में किया गया, जिस बारे उनको श्री बी0 आर0 नेगी कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद मंडी द्वारा भविष्य एवं वर्तमान की गार्बेज सम्बन्धी योजना बारे विस्तार से सूचित किया गया, जिस बारे उन्होंने संतोष जाहिर किया।🙏

Plastic waste management meeting.

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आज स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्लास्टीक वेस्ट प्रबन्धन के अंतर्गत पॉलिथीन हटाओ अभियान के अंतर्गत स्वच्छता गोष्ठी का आयोजन कांफ्रेंस हाल जिला मुख्यालय मंडी में किया गया। प्लास्टिक वेस्ट का वैज्ञनिक पद्दति से रिसायकल/रिड्यूस एवं रीयूज़ हो एवं जहां-तहां बिखरा न हो, उसका कलेक्शन प्रोपर हो, उसका प्रोसेसिंग प्रोपर तरीके से हो, इस बाबत ADC Mandi श्री आशुतोष गर्ग द्वारा गोष्ठी में उपस्थित सदस्यों के समक्ष अपने विचार रखे, इस सम्बंध में ए0डी0सी0 महोदय द्वारा आमजन के सहयोग एवं अपनी मानसिकता में बदलाव के सम्बंध में भी जोर दिया। गोष्ठी में मंडी शहर के बुद्धजीवी वर्ग, गैर स्वंम सेवी संगठन, स्वंम सहायत समूह के सदस्य एवं नगर परिषद मंडी की समस्त टीम उपस्थित रही।

Redusing process of MSW 【Bio-degradable waste】

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आज के समय की सबसे भयानक समश्या कि म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट से कैसे निपटा जाए, कैसे इस वेस्ट को रिड्यूस किया जाए, कैसे इस वेस्ट का वैज्ञानिक पद्दति अनुरूप निष्पादन सुनिश्चित किया जाए, इन सभी विषयों पर आजकल सरकार काफी गंभीर है व स्थानीय निकायों को इन विषयों पर गंभीरता से काम किये जाने के दिशानिर्देश भी प्राप्त हो रहे हैं। सरकार दिशानिर्देश दे अथवा न दे, परंतु पर्यावरण की दृष्टि से जब जंगलों एवं समुद्र के जीव सामंजस्य बनाकर चलते है तो इंसान को न जाने क्या हो जाता है कि हर क्षेत्र में प्रदूषण किये बिना मानता ही नही है, चाहे जल का प्रदूषण हो, हवा का हो चाहे ध्वनि का हो, किसी भी क्षेत्र में कमी नही है। इन विषयों को लेकर अब ये भी जरूरी हो गया है कि वैज्ञानिक निष्पादन यदि सॉलिड वेस्ट का किया जाना है तो प्रथम स्तर पर कुड़े का वर्गीकरण किया जाना अत्यंत आवश्यक है, इस सीढ़ी पर चढ़े बिना सफलता की उमीन्द नही की जा सकती, क्योंकि जीवनाशित एवं ग़ैरजीवनाशित कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया अलग-2 है। इस लेख में हम चर्चा कर रहे हैं जीवनाशित कचरे के विज्ञानिक रूप से निष्पादित ...

Polythene a curse

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🚩“पॉलीथिन” पॉलीथिन के सम्बन्ध में यदि बात करें तो इसके हानियां तो सभी को मालूम हैं, सरकार को भी, परन्तु इसे समाज से हटाने में सबसे मजबूत कड़ी सरकार की दृढ़ इच्छा में ही खोट दीखता है, प्रतिबन्ध केवल हलके पॉलीथिन पर है, घर में तो पॉलीथिन आ ही रहा है वह चाहे किसी भी रूप में क्यों न आ रहा हो, सरकारी राशन डिपो की दालें, तेल, रिफाइंड, बेकरी प्रोडक्ट, दूध्, दही, जूते, होज़री प्रोडक्ट, गारमेंट्स भी तो इसी पॉलीथिन में ही मार्किट में खुले रूप से आ रही है, इस पॉलीथिन पर तो सरकार की कोई निति नहीं है, क्या इस पॉलीथिन का हमारे पर्यावरण को उतना नुक्सान नहीं, जितना प्रतिबंधित पॉलीथिन से है, फिर भी एक काम के लिए दो निति क्यों? गार्बेज प्रबंधन के द्वारा ही इस बीमारी से सही रूप में लड़ा जा सकता है, घर में ही जो प्लास्टिक किसी भी रूप में आ गया हो उसको अलग से इकठ्ठा करें व् नगर परिषद् कार्यालय में पॉलीथिन कलेक्शन सेंटर में जमा करवाएं या फिर उसे reuse के मकसद से किसी कबाड़ी वाले को दें, उसे प्रयोग किये गए पॉलीथिन का बायोडिग्रेडेबल वेस्ट/जीवनाशित कचरे में में मिलना किसी भ...

Contribution regd. Swachh Bharat Mission 【Swachhtagrahi】by NRI

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【स्वच्छता में सहभगिता】स्वच्छता में सहभागिता स्वच्छता अभियान में शामिल होने के इलावा ऐसे अभियानों में वित्तीय सहयोग किये जाने से भी की जा सकती है, एक व्यक्ति अपने देश से दूर परदेश/विदेश में हो व वहां से वह अपने शहर से जुड़ा हो व अपने शहर में विकास हो, स्वच्छता का स्तर ऊंचा हो, तो वह इस मिशन के काम मे वित्तीय मदद कर ऐसे जनहित के कार्यों को गति प्रदान कर वास्तव में अपनी सहभगिता दर्ज करवा लेता है। इसका उदाहरण बने है वार्ड नं0 01 खलियार निवासी श्री पुष्पराज कपूर जी, जो कि यू0एस0 में रहते हुवे भी अपने शहर मंडी की नसों में रसे-बसे हैं व अपने शहर को स्वच्छ एवं सुंदर देखने की मंशा से अपने स्वच्छताग्रहियों के लिए सुरक्षा उपकरण हेतु धनराशि मु0 13311/-रु0 की धनराशि उपलब्ध की गई है, इस राशि के उपयोग के लिये श्री पुष्पराज कपूर जी द्वारा अपने भतीजे श्री शरद मल्होत्रा जो कि पड्डल में फिजियोथेरेपिस्ट हैं, को अधिकृत किया है। नगर परिषद मंडी श्री पुष्पराज कपूर जी का इस सहयोग राशि के लिए आभार एवं अभिनन्दन करती है। ये अपने आपमे बड़ी बात है कि स्वच्छता अभियान/श्रम-दान के माध्यम से तो लोग इस मिशन के क...

Pathetic condition of Godhan 【cows】

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   बड़े दुखी मन से लिखना पड़ रहा है कि जहां अपने देश मे गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की बात चलती है व हिन्दू संघठन भी इस विषय में पीछे नही रहते, आये दिन गोधन पकड़े जाने की खबरे सोशल मीडिया में सुनने को मिल जाती है। सरकार एवं माननीय न्यायालय भी इस विषय पर नीतियां बना चुकी है, निर्णय सुना चुकी हैं, परन्तु धरातल पर गोधन की स्थिति दयनीय है, हर कोई अपना पालतू गोधन, जो कि दूध नही देता अथवा मालिक उसे बोझ समझने लगा है, बिना किसी डर के खुले में छोड़ देने का अभ्यासी हो चुका है। हालांकि हि0प्र0 सरकार द्वारा समय-2 पर गोधन की गणना भी करवाती है व  उसके लिए टैगिंग भी की जाती है,  ताकि गोधन के मालिक की पहचान हो सके,  परन्तु ऐसा लगता है कि ये सभी कार्य मरे हुवे मन से किये जाते है व इस कार्य पर होने वाला सरकारी व्यय किसी काम का नही।वरना अपने प्रदेश में गोधन की इतनी बुरी दशा न होती कि हर कोई गोपालक अपने बेकार/फ़ंडर पशु को खुले छोड़ने की फिराक में हो, व ऐसे पशुओं को खुली सड़कों पर दुर्घटना के लिए छोड़ दिया जाता है, क्या नलवाड़ जैसे मेलों में जो व्यक्ति अपने पशुओं की खरीद-फरोख्...

Benifit of social media network in swachh bharat mission.

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स्वच्छ भारत मिशन में सोशल मीडिया का लाभ:- एक तरफ जहां स्वच्छता में आमजन के सहयोग की बात हम कर रहे हैं व इस मिशन में आमजन के सहयोग के बिना लक्ष्य पा लेना भी सम्भव नही तो इसकी पूर्ति सोशल मीडिया बड़ी आसानी कर देता है व अपने सम्वाद को आमजन से कायम करना बड़ी आसानी रहती है। आमजन को अपनी बात कहने-करने के लिये आफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नही। कम समय मे अधिक आउटपुट मिलने की संभावना इसमे बनी रहती है, आप आपजन से जुड़े है, मतलब समस्याएं आपके आसपास ही हैं व आपने इनके निवारण के लिए चिंतित होना है, सोशल मीडिया एक आमजन में विश्वास जगाने का भी काम करता है कि कोई उसकी समश्या के निवारण के लिये गंभीरता से लगा है, हां समय तो हर काम मे लगता है, समय उसमे भी लगेगा, जब कोई ई0-समाधान अथवा सूचना के अधिकार का उपयोग करता है, अथवा उच्च अधिकारियों के माध्यम से समश्या निवारण करने का यत्न किया जाता है, परन्तु उसमे वो काम किये जाने के उपरांत वो सन्तुष्टि नही मिल पाती जो एक त्वरित एक्शन/निवारण से मिलती है, काम चाहे हंस के करना पड़े चाहे दबाव में तो हंसकर किये जाने के विकल्प को क्यों न चुना जाये, इसी मार्ग की...

Autobiography of Dustbin

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🌴कूड़ेदान की आत्मकथा🌴 मेरा जन्म इंसान की जरूरत को देखते हुवा है, जब्कि इंसान के द्वारा ही मेरी इतनी दुर्गति की जाती है, जिसका वर्णन करने की हिम्मत मैंने जुटाई है। मेरी जरूरत हर घर, गली, मोहल्ले व् सार्वजनिक स्थानों पर होती है। जब मेरा निर्माण होता है तो काफी चमक  दमक होती है। जब मेरी मांग होती है, तो बड़ी शान के साथ रख दिया जाता हूँ, उस समय मैं सभी के काम आता हूँ। मुझे दुःख तब होता है जब लोग मुझे बास्केट बॉल की तरह इस्तेमाल करते हैं व् कचरे को दूर से निशाना बनाते हैं व् चूक जाने पर कचरा खुले में पड़े रहने से मेरा निरादर होना शुरू हो जाता है। जो लोग मेरा उपयोग सही रूप से करना भी चाहते हैं इन्हें मज़बूरी में कचरा बाहर ही डालना पड़ता है, उनकी मज़बूरी हो जाती है। मैं बहुत से परिवारों की आजीविका का साधन भी हूँ, कचरा बीनने वाले मेरे भीतर आने से भी गुरेज नहीं करते, अपने मतलब का सामान निकाल कर उसे कबाड़ियों के यहाँ बेच कर अपने परिवार का लालन पालन करते है। एक व्यक्ति recycle meterial निकाल कर प्रतिदिन औसत 500/- रु0 प्रतिदिन बना ही लेता है, इससे मुझे काफी गर्व की अनुभिति होती है। म...

स्वच्छता सभा का गठन।

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स्वच्छता के क्षेत्र में आमजन के सहयोग को सुनिश्चित किये जाने बारे आज वार्ड नं0 13 पड्डल में वार्ड सभा का आयोजन किया गया, नई स्वच्छता सभा का गठन कर लिया गया, उपस्थित सदस्यों द्वारा बेहतरीन सुझाव प्राप्त हुवे, आमजन की उपस्थिति दर्शाती है कि लोग स्वच्छता के बड़े करीब बशर्ते कि मौका मिले, स्वच्छता में कामयाबी के पीछे स्वच्छता में आमजन की सहभगिता है।🙏🌹🙏 प्रदीप दीक्षित सफाई निरीक्षक, नगर परिषद मंडी।

Importance of community Participation in sanitation

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स्वच्छता सभाओं का गठन क्यों है जरूरी:- जिस प्रकार किसी भी सामाजिक कार्य के लक्ष्य की पूर्ति उस समाज के लोगों की प्रबल इच्छा शक्ति पर निर्भर करती है व जितनी अधिक उस समाज की प्रबल इच्छा शक्ति होगी, उतनी सफलता उस क्षेत्र के समाज के सामने होगी। अब बात करते है स्वच्छता के क्षेत्र की, सबसे पहले बात करते हैं व्यक्तिगत स्वास्थ्य की, एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य की कितनी गहनता के साथ देखरेख करता है, कहने की बात नही, समय से नहाना, नाखून काटना, हाथ सिस्टम से धोना, इत्यदि।  अब बात करते है अपने घर की स्वच्छता की, घर/दुकानों में प्रतिदिन झाड़ू लगाते हैं सभी पोचा भी लगाते हैं, डस्ट/मिट्टी को भी साफ़ करते हैं, यानी पूरी तन्मयता के साथ अपने घरों/दुकानों की स्वच्छता व्यवस्थित की जाती है। अब बात आती है सामुदायिक स्वच्छता की, क्या हम अपने गावँ, शहर, देश को अपना घर नही मानते, अपने घर से बाहर निकलते ही हमे न जाने क्या हो जाता है कि एक टॉफी का रैपर, केले का छिलका, गाड़ी के भीतर से बोतल को हम खुले में फेंकने से संकोच नही करते। ये हमारे स्वभाव का हिस्सा बन चुका है, ये ही एक कारण नजर आ...

IIT Kamandh Mandi

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एक सोच, एक विचार जो कुछ नया करने की प्रेरणा देता है, वो है भारतीय प्रद्योगिक संस्थान कमांध मंडी के युवा छात्रों के, जो हंसी खुशी कुछ नया करने के लिए सार्वजनिक शौचालयो में प्रवेश कर गए व पिक्स ली, व पुराने शौचालयों को आजकल के हिसाब से e-toilet में डिजाइन कर सेल्फ क्लीनिंग सिस्टम के साथ बनाने के मकसद से चेहरे पे मुस्कान लिए 3 बच्चों की टीम ने पारम्परिक शौचालयों का निरीक्षण किया व शीघ्र ही e-toilet के डिजाइन एवं ऐसे टॉयलेट्स पर विज्ञापन से भी नगर परिषद को आय हो व जिससे आने वाले समय मे भी शौचालयों के रख-रखाव पर होने वाले व्यय की भी पूर्ति हो सके, शीघ्र अपना डिजाइन एवं अन्य जानकारी उपलब्ध करने का वादा किया। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों जैसे विषय पर ऐसी गंभीर सोच रखने वाले #iit कमांध मंडी के युवा प्रशिक्षुओं को सलाम।।🙏🌹🙏

स्वच्छता में जनसहयोग के लिये जागरुकता।

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नगर परिषद मंडी का इनफार्मेशन, एजुकेशन एवं कम्युनिकेशन के अंतर्गत वार्ड सभा की बैठक का आयोजन निरन्तर जारी, आज की बैठक मौनाग थनेड़ा मोहल्ला वार्ड नं0 11 में की गई, इस सभा मे नगर पार्षद श्री बंसी लाल जी, कार्यकारी अधिकारी श्री बी0 आर0 नेगी जी, NULM एक्सपर्ट श्री अरुण कुमार चौबे जी, श्री कुलदीप ठाकुर, श्री प्रदीप दीक्षित स्वच्छता निरीक्षक, ललित कटोच कनिष्ठ अभियंता, श्री सुरेश जी, श्री हरीश जी एवं वार्ड से लगभग 30 लोगों ने भाग लिया, उनको स्वच्छता के सम्बंध में सेग्रिगेशन एट सोर्स एवं MSW rules 2016 के सम्बंध में व्यापक जानकारी दी गयी।

IEC Activity Regd. Awareness, behavior changes, Implimentation of MSW Rules 2016 in MC-Mandi

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वार्ड नं0 08 एवं 09 में म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट प्रबन्धन नियम 2016 के सम्बंध में आमजन में जागरूकता, सोच में परिवर्तन एवं आमजन का स्वच्छता में जनसहयोग को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, इस गोष्ठी में लगभग 60-70 लोगों ने भाग लिया, स्वच्छता एवं सफाई जैसे गंभीर विषयों पर आमजन से सहयोग लेने एवं दोनो पक्षों 【गार्बेज जनरेटर एवं स्थानीय निकाय】 का समन्वय होना बहुत जरूरी है, ताकि दोनो पक्षों में एक विश्वास कायम हो व जो दूरी निकायों को लेकर आमजन में होती है, निरंन्तर होने वाली बैठकों से उसे दूर किया जा सके तो निसन्देह जो समस्याएं उपजेंगी भी, तो उसका निराकरण भी इन सभाओं के पास होगा। आज की गोष्ठी में वरिष्ठ जनों से बेहतरीन सुझाव नगर परिषद को प्राप्त हुवे, वार्ड वासियों ने भी इस विषय पर अपनी रुचि दिखाई। इस बैठक में वार्ड न0 09 पार्षद, श्री मति माधुरी कपूर, वार्ड नं0 09 पार्षद श्री मति निर्मला शर्मा जी, मनोनीत पर्षद श्री मति हेमलता शर्मा जी, NULM श्री अरुण चौबे जी, कुलदीप ठाकुर जी, श्री ललित कटोच जे0ई0, प्रदीप दीक्षित सफाई निरीक्षक, नगर परिषद का स्टाफ एवं दोनो वार्ड से लगभग 60-70 लो...